मेरे हार्टब्रेक ने एक इंसान के तौर पर मुझे किस तरह बदल दिया
“और उस पूर्ण समर्पण के पल में, मैं स्वतंत्र थी, मुक्त थी।” मैंने इस पंक्ति को अनगिनत बार सुना या पढ़ा था, और हमेशा सोचती थी कि इसका मतलब क्या है! लेकिन समर्पण में, झुक जाने में किसको मुक्ति प्राप्त हो सकती है? मैं एक विनम्र व्यक्ति रही थी और इसी चीज़ ने मुझे मुसीबत …
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