(पहचान छुपाने के लिए नाम बदल दिए गए हैं)
“प्लीज़ प्रतीक्षा करो” वर्दीधारी अफसर ने उससे कहा।
अनामिका, हामी में सिर हिलाकर बैठ गई। वह 20 वर्ष की उम्र के आसपास की एक पतली और नाजु़क लड़की थी। जो गहरी ग्रे रंग की साड़ी उसने पहन रखी थी, उसमें वह और उदास दिखाई दी। उसके चेहरे से स्पष्ट दिखाई दे रहा था कि बाहरी दुनिया के साथ यह उसका पहला सामना था।
वह अपने लापता पति के बारे में पूछताछ करने यहाँ आई थी। वह कर्नाटक के जंगलों में पिछले वर्ष दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर चालक दल में से एक था। बचने वाले केवल दो व्यक्ति थे। दूसरे व्यक्ति को एक खोज मिशन के बाद बचा लिया गया था जो एक महीना चला था।
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उसका पति, जिसे केवल मामूली चोट लगी थी, दुर्घटना स्थल से लापता था। संभवतः, वह पास के एक गांव में मदद लेने चला गया था।
दुर्भाग्य से, उस क्षेत्र के आस पास कहीं भी कोई गांव नहीं था।
उसे ढूंढने के लिए खोज लगभग एक महीने तक जारी रही। इसके बाद, उसे चुपचाप बंद कर दिया गया। सरकार एक ‘मृत’ सैनिक पर कितने दिन पैसा खर्च करेगी? एक सैनिक तब ही मूल्यवान होता है जब वह जीवित होता है और लड़ रहा होता है!

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अनामिका ऊपर देखते हुए, अपने पीले मंगलसूत्र को दाहिने हाथ से पकड़कर बैठ गई। वह बहुत गहरी सोच में थी। लगभग एक घंटे बाद उसे ऑफिसर के केबिन में जाने की इजाज़त मिली, जब वह ‘ज्वलंत मुद्दों’ से मुक्त हुआ।
फाइल बंद
“हम अब भी उसे ढूंढ रहे हैं,’’ अनामिका के बैठने पर उसने बिना किसी प्रस्तावना के कहा। ‘‘आशा करो की जल्द ही कोई सकारात्मक खबर आए।”
इस झूठ ने उसके चेहरे को आशाजनक बना दिया। उसने शुक्रिया में सिर हिलाया। उनके बीच चुप्पी फैल गई। ज़ाहिर है, वह इस बारे में लंबी बातचीत नहीं करना चाहता था।
“हम आपको बता देंगे” उसने अन्य फाइल खोली।
“धन्यवाद सर” वह उठी और धीरे-धीरे कमरे से बाहर निकल गई।
यही वह समय था जब मैंने उसे एकमात्र बार देखा था। हालांकि, उसकी छवि एक लंबे समय के लिए मेरी आँखों के सामने मंडराती रही।
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लगभग एक साल बाद, सैनिक की मौत के बाद के लाभ के बारे में विवाद के समाचार ने वापस मुझे उसकी याद दिला दी। उसके चाचा ने रिलीज़ के लाभों के लिए अदालत से संपर्क किया था, क्योंकि व्यक्ति के लापता होने के कारण सरकार ने उसे खारिज कर दिया था। फिर संपत्तियों के बंटवारे के लिए उसके परिवार की कहानियां थीं।
मृत्यु के लाभ की रीलीज़ ने मुद्दे को बढ़ा दिया था, क्योंकि वह रिश्तेदारों की उम्मीदों से अधिक था।
पति का पिता, भाई, बहन और हर रिश्तेदार सरकार द्वारा प्राप्त धन का कुछ हिस्सा चाहते था।
उन्होंने अनामिका को मनाया और जब वे असफल हो गए, तो उन्होंने उसे डराया। वह झुकने के लिए तैयार नहीं थी।
“यह मेरे बच्चों के लिए है, मैं उनका पालन पोषण करूंगी” उसने उन्हें बताया।
समाज का फैसला
यह मामला पंचायत तक पहुंच गया और सरपंच ने उसके जीवन के बारे में निर्णय लिया। उसने लड़की से कहा कि विवाद का अंत करने के लिए सैनिक के छोटे भाई से विवाह कर ले। या फिर समाज से वहिष्कृत होने के लिए तैयार हो जाए।
हाँ, समाज ने उसके जीवन के बारे में निर्णय लिया।
फैसले को स्वीकार करने के अलावा और कोई चारा नहीं था। जिस व्यक्ति को वह कल तक अपना भाई मानती थी, अब उसका पति बन गया। वे पवित्र अग्नि के समक्ष सात फेरे लेंगे और एक-दूसरे के साथ शांतिपूर्ण लंबे जीवन की प्रतिज्ञा लेंगे।
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वह जल्द ही अपने गर्भ में उसके बच्चे पालेगी।
यह संबंध लंबे समय तक चलेगा (या शायद ना भी चले)। यह कम से कम तब तक तो चलेगा जब तक उसके पति के मृत्यु लाभ से एक-एक पैसा खर्च नहीं हो जाता।
यह सोचना एक मूर्खता होगी कि इस समाज के अन्याय से वह अकेली लड़ सकती है। बचपन से, उसे सिखाया गया है कि पुरूषों के सामने ‘एक लड़की’ की तरह बर्ताव करे।
उसने कभी यह तक नहीं सोचा कि उसके भी कुछ अधिकार हैं; स्वयं को पुरूषों के बराबर समझना तो दूर की बात है।
वह अपने पति के बारे में पूछताछ करने कभी वापस नहीं आई।
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उसके पति का जीवन अलमारी में रखी एक बंद फाइल में समाप्त हो गया। इसे और पाँच वर्षों तक रखा जाएगा और फिर अन्य संवेदनशील दस्तावेज़ों के साथ नष्ट कर दिया जाएगा। वह शायद किसी की यादों में भी जीवित नहीं रहेगा। पैसे ने सब कुछ खरीद लिया है; उसके अपने रिश्तों को भी।
हाँ, पैसा संबंधों को बना भी सकता है और बिगाड़ भी।
तो, आप इस संबंध को क्या नाम देंगे?
क्या आप इसे पति-पत्नी का संबंध कह सकते हैं, जब तक कि वह इसे स्वीकार नहीं करती? या यह परिवार के लिए बस एक सुविधाजनक संबंध है? लाभ पर आधारित संबंध कब तक टिकेगा?
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