ऊषा शर्मा (अनुरोध करने पर नाम बदल दिया गया है) 12 वर्षों से विवाहित हैं । वह 35 वर्ष की हैं और पिछले 5 वर्षों से संतान की कोशिश कर रही हैं -वह स्वीकार करती हैं कि एक रीति ने उसके बैंकर पति से साथ उसके संबंध से उत्साह और अंतरंगता खत्म कर दी है जिसके कारण सेक्स बेरंग हो गया है, हमेशा समय अनुसार, चिकित्सकों की ऊबाउ मुलाकातें और कड़वी गोलीयों और शारीरिक संबंध में समय सारिणी जैसी सटीकता के साथ।
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एक व्यस्त मार्केटिंग कर्मी होने के नाते उसकी निरंतर यात्राओं की ऊब, और साथ ही मुंबई के जीवन की कठोरता ने एक व्यक्ति के तौर पर भी उसे नष्ट कर दिया है। मेरे आसपास हर जगह, स्त्रियाँ प्रेम संबंध बना रही हैं। वे अपने विवाह की स्थिर और गतिहीन प्रकृति या बच्चे पैदा होने के बाद भावनात्मक और शारीरिक संपर्क की कमी से बहुत ऊब चुकी हैं,’ ऊषा कहती है जो पिछले वर्ष विदेश में मार्केटिंग की बैठक में एक पुरूष से टकरा गई जो उससे पांच वर्ष जूनियर था।
“वह एक त्वरित आकर्षण था। और मैं उस पर से अपनी नज़रें नहीं हटा पा रही थी। मैंने अपने पति के साथ इस तीव्रता को महसूस करना वर्षों पहले और खासतौर पर मेरी सास के हमारे साथ रहने आने के बाद बंद कर दिया था भले ही हमारा प्रेम विवाह हुआ था - अब लगभग जिम्मेदारियां और कार्य और जीवन को संतुलित करने की नीसर प्रक्रिया ही शेष थी।”
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वह आगे कहती है, ‘‘हमने दोपहर के भोजन के समय बातें की, और हमने एक ही महाविद्यालय से एमबीए किया था और हमारे बीच काफी समानता थी। हमने एक दूसरे के नंबर लिए और भोजन के बाद हमारी उंगलियां फोन पर से हट ही नहीं रही थी। हमने ड्रिंक्स के लिए मिलने का निर्णय किया और फिर एक के बाद एक बात आगे बढ़ती गई और हमने उस रात बेहतरीन सेक्स का आनंद लिया।” वह उन दोनों की साथ में बिताई रात के बारे में कहती हैः ‘‘यह आतिशबीजी जैसा था और सबसे उत्तेजक बातचीत के अलावा, यह एक स्त्री होने के नाते वांछित होने की तरह था- जो मैं अपने पति के साथ भूल चुकी थी। मैं वास्तव में स्पर्श (बदला हुआ नाम) को बता सकती थी कि मुझे बिस्तर पर क्या चाहिए था और हम अपनी हदों को पार करने से डर नहीं रहे थे।” लेकिन, ऊषा बताती है कि वे दोनों ही स्पष्ट थे कि इसे लंबी अवधी का बनाने में और संबंध का नाम देने में उन्हें कोई रूची नहीं थी। ‘‘हमने कभी एक-दूसरे को सोशल मीडिया पर नहीं जोड़ा, और मैंने घर पहुंचते ही उसे ब्लॉक कर दिया। वह एक वन नाइट स्टैंड था लेकिन भगवान जानता है कि मुझे उसकी आवश्यकता थी। मुझे कोई पश्च्याताप नहीं है, और ना ही मैंने अपने पति को बताया है....और जहां मुझे स्पर्श की याद आती है, वहीं मैं केवल उत्तम सेक्स के लिए अपने विवाह को नहीं तोड़ूंगी।”
बहुत सी भारतीय स्त्रियाँ, जिनकी परवरिश पति परमेश्वर और सति सावित्री की नैतिक रूप से शुद्ध आहार के साथ की जाती है, उनसे विपरीत, ऊषा शायद आधुनिक भारतीय विवाहों के दूसरे पहलू से पर्दा उठाती है - वह जिसमें धोखा देने वाले साथी, शून्य भावनात्मक बोझ या अत्यधिक ग्लानी शामिल है। ऊषा के मामले में, वह स्पष्ट है कि उसके छोटे से प्रेम प्रसंग ने उसकी यौन जड़ता पर काबू पाने में उसकी सहायता की है।
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2014 में एश्ले मेडिसन, उन लोगों के लिए जो विवाहित हैं या किसी संबंध में हैं, एक वैश्विक डेटिंग वेबसाइट भारत में शुरू की गई और एक सर्वेक्षण किया गया जिसने आश्चर्यजनक रूप से खुलासा किया कि 76 प्रतिशत भारतीय स्त्रियाँ और 61 प्रतिशत पुरूष ऐसा नहीं मानते की उनकी बेवफाई पाप है या अनैतिक है। इसके अलावा, 81 प्रतिशत पुरूषों और 68 प्रतिशत स्त्रियों ने दावा किया कि उनके प्रेम प्रसंग का उनके विवाह पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। एशले मेडिसन डॉट कॉम के यूरोपीय संचार निदेशक क्रिस्टोफ क्रीमर कहते हैं ‘‘हमारे पास बगैर किसी मार्केटिंग के 2.75 लाख भारतीय उपयोगकर्ता हैं,’’। डेटिंग सेवा स्पष्ट करती है कि वह विवाहेतर संबंधों को बढ़ावा नहीं देती, बल्कि उन विवाहित भारतीयों को सक्षम करने की उम्मीद रखती है जो अमेरिका और जापान में उनके साथियों की तरह प्रेम संबंधों के लिए सुरक्षित और विचारशील ऑनलाइन अवसरों की तलाश कर रहे हैं।’
इस तेज़ी से गतिशील डिजिटल विश्व में, जहां अंतरंगता शारीरिक आवश्यकताओं को पूरा करने और पारंपरिक संबंधों में बोरियत को दूर करने के बारे में है, प्रदीप नायर (अनुरोध पर नाम बदला गया है) एक 45 वर्षीय विवाहित पुरूष कहते हैं कि एक वन नाइट स्टैंड एक ताज़ा हवा के झौंके की तरह है। ‘‘भारत में, इन दिनों कई विवाह खुले होते हैं और लोग स्वीकार कर रहे हैं कि नैतिकता एक निजी फैसला है। साथ ही डेटिंग एैप्स और वाट्स एैप और अन्य निःशुल्क चैट सेवाओं ने संबंध स्थापित करने को बहुत सरल बना दिया है। एक स्त्री जिसे मैं फेसबुक पर मिला था, उसके साथ मैंने आकस्मिक सैक्स किया और बाद में हम दोनों स्पष्ट थे कि यह हार्मोन्स का काम था और इसे अगले स्तर पर ले जाने का कोई दबाव नहीं था,’’ वह स्वीकार करते हैं।
हम विचार करने के सिवा और कुछ नहीं कर सकते कि क्या विवाह में वन नाइट स्टैंड को क्षमा कर दिया जाना चाहिए और क्या वास्तव में ऐसी कोई गारंटी है कि यह पूर्ण विकसित प्रेम संबंध में नहीं बदलेगा और एक लंबे समय से टिके संबंध को बिगाड़ नहीं देगा। साथ ही, मान लेना चाहिए, व्यभिचार; चाहे हमारा समाज हो या हमारे धर्मग्रंथ, इसे हमेशा ही सबसे बड़ा पाप माना गया है - ऐसा कुछ जो रंगे हाथों पकड़े जाने पर कानूनी सज़ा भी दिलवा सकता है। फिर भी, सेक्स क्या सिर्फ यह हो सकता है- आनंद, कुछ मामलों में अनुमति के साथ -और वचन के ठप्पे का बोझ डाले बगैर?
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