प्रश्नः मैं नवंबर 2014 से एक माता-पिता द्वारा तय किए गए विवाह (अरेंज मैरीज) में हूँ। हम दो महीनों तक साथ में थे और हमारी अच्छी बनती थी, लेकिन फरवरी 2015 में वे पढ़ने के लिए आस्ट्रेलिया चले गए।
मेरे विवाह के पहले सप्ताह से ही मेरे ससुराल वाले नहीं चाहते थे कि मैं आपने माता पिता के घर जाऊं। मेरे पति के जाने के बाद वस्तुएं बदल गईं। मेरे ससुराल वालों ने मुझे मेरे माता-पिता के घर जाने से बिल्कुल रोक दिया। कभी कभी मेरे पति मेरा पक्ष लेते थे और फिर मेरी सास मुझे जाने की अनुमति दे देती थी, लेकिन जब मैं वहां होती थी, मेरी सास मेरी बुराई किया करती थी और उस समय मेरे पति मुझे मेसेज भी नहीं किया करते थे। जब मैं मेरे ससुराल वापस गई, मेरे पति ने प्यार भरे मेसेज भेजना शुरू कर दिए। यह उनके जाने के 2-3 महीने तक जारी रहा। उसके बाद स्थिति और बिगड़ गई।
एक बार मैंने मेरी सास और मेरे पति के बीच हुई व्हॉटस्एप चर्चा पढ़ी जिसमें वे सोने के गहने चुराने की योजना बना रहे थे जो मेरी सास ने मेरी अलमारी से नकली चाबी का उपयोग करते हुए निकाले थे, जब मैं मेरे मायके में थी। मैंने मेरी ननद और मेरी सास के बीच हुई चर्चा भी पढ़ी जो मुझे मेरे मायके से ससुराल आने से रोकने के बारे में थी। यह चर्चा मेरी सास और मेरे पति के बीच व्हॉट्सएप पर दिन-ब-दिन बढ़ती ही गई।
जनवरी 2016 में, जब मैं सर्दियों की परीक्षा देने के बाद अपने मायके आई (मैं पीएचडी कर रही थी), मेरी सास ने कठोरता से मुझे धमकाया कि मैं उनके घर में ना जाऊं और कहा कि वह दरवाज़ा बंद कर देगी। उन्होंने मेरे साथ यह पहले भी किया है (दरवाज़ा बंद करना) जब मैं उनके घर में थी। मैंने यह रिकॉर्ड कर लिया और अपने पति को भेज दिया, लेकिन उन्होंने बात टाल दी और बहाना बना दिया।
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अब मैं अपने माता-पिता के साथ रह रही हूँ। मुझे जुलाई में मेरा वीज़ा मिला और अब वह समाप्त होने वाला है। एक तरफ वे ऑस्ट्रेलिया में उनके साथ रहने के लिए बुला रहे हैं और दूसरी तरफ वे कहते हैं कि मैंने जो कुछ भी उनके घर से चुराया है उसके लिए वे मुझसे बदला लेंगे। और जब मैं उनसे पूछती हूँ कि मैंने क्या चुराया है, तो उनके पास कोई उत्तर नहीं होता। वह मेरे रिश्तेदारों को 10 लाख रूपये मांगने के लिए फोन करते हैं जो उनके अनुसार मैंने चुराए हैं। मेरे परिवार ने मेरे ससुराल वालों से आमने-सामने चर्चा करने को कहा, लेकिन वे हमेशा बहाने बना देते हैं।
मेरी सास ने मुझे एक मेल भेजा जिसमें लिखा था कि वह मेरी टिकट खरीद देंगी और मैं अपना वीज़ा उन्हें भेज दूँ लेकिन मैंने ऐसा किया नहीं। मेरी सास और ननद ने मेरे और मेरे पति के बीच मतभेद उत्पन्न कर दिए हैं और वे नहीं चाहतीं कि मैं अपने पति के पास जाऊं। मेरे पति कभी-कभी इन दोनों महिलाओं के बीच फंसे हुए प्रतीत होते हैं, लेकिन उन्होंने भी मुझे बदला देने की धमकी दी। मुझे क्या करना चाहिए?
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हमारी मनोवैज्ञानिक प्राची वैश सलाह देती हैं: दुर्भाग्य से आपके ससुराल वालों ने आपको कई सारे भावनात्मक घाव पहुंचाए हैं। और यह स्वीकार करना कठिन है लेकिन आपका पति भी इसका एक हिस्सा रहा है। आपने जो बताया है, उससे वह इस सोच का प्रतीत होता है कि “मेरी माँ और पत्नी को आपस के मतभेद स्वयं ही दूर कर लेने चाहिए, मैं बीच में नहीं पडूंगा; और मैं यह अपेक्षा करता हूँ कि वह पत्नी के तौर पर अपने कर्तव्य पूरे करे क्योंकि मैं उसका पति हूँ और इसका दूसरी बातों से कोई सरोकार नहीं है।” लेकिन विवाह इस प्रकार कार्य नहीं करते। ऐसे अनगिनत मामले हुए हैं जहां पति विदेश चले गए हैं और पत्नियों को परिवार की देखभाल करने के लिए भारत में ही छोड़ गए और किए गए अत्याचारों को अनदेखा कर दिया। मुझे लगता है कि यहां आपको मनोवैज्ञानिक की सलाह से अधिक कानूनी सलाह की आवश्यकता है। आप उनके बीच की चैट और चर्चा की साक्षी हैं, आपको वास्तव में घर के बाहर बंद किया गया है – यह सब सबूत हैं। घरेलू हिंसा कानून -भावनात्मक या शारीरिक, हमारे देश में बहुत सख्त हो गए हैं और कोई कारण नहीं है कि आप चुपचाप सहन करती रहें। मेरी सलाह यह है कि आप इस मामले पर सावधानीपूर्वक विचार करें, अपने परिवार के साथ बैठें, अपना दृष्टिकोण समझाएं और कम से कम पूरे मामले में एक कानूनी दृष्टिकोण प्राप्त करें। मेरी शुभकामनाएं!