2003 में, मैंने ‘के’ (मेरी गर्लफ्रैंड जिसे मैं ‘के’ यानी क्रेकपॉट कहता हूँ और वह पागलों की तरह खिलखिला उठती है) को अपने विवाह प्रस्ताव के साथ गुलाबों का एक बड़ा गुलदस्ता भेजा। हुआ यह कि उस रात के की क्लासमेट मधु भी उसके साथ रूकी हुई थी।
जब दोनों ने फूलों का बड़ा पैकेट देखा, के तो प्रभावित हुई ही थी, लेकिन मधु उससे भी ज़्यादा प्रभावित हो गई थी! मुझे लगता है मधु ने कहा था, ‘‘मेरा कोई भी बॉयफ्रैंड इतना रोमांटिक नहीं है। काश मैं तुमसे एब्स को चुरा सकती!’’
मुझे लेकर उन दोनों में मामूली सा मनमुटाव था। उस शाम, जहां के ने मुझे निराश किया, वहीं मधु मेरी पार्टी में आ गई।
हमारे एक कॉमन दोस्त ने के को खबर दे दी और वह भी आ गई।
वाइन के चौथे गिलास के बाद, एक विशेष रूप से अजीब क्षण में, मधु ने मुझे गले लगा लिया और कहा, ‘‘एक्स, तुम बहुत प्यारे हो और सच कहूं तो वह कमीनी तुम्हारे लायक नहीं है!’’
और उसी क्षण, के वहां चली आई, वह गुस्से में लाल थी।
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मैं ज़्यादा विवरण देकर आपको पकाउंगा नहीं, लेकिन एक गाली-गलौच वाले युद्ध के बाद, के ने कहा, ‘‘कल मैं स्टाइल में तुम्हारा प्रस्ताव स्वीकार करने वाली थी, लेकिन अब मैं तुमसे पूरी तरह नफरत करती हूँ। मुझे कॉन्टेक्ट करने की हिम्मत मत करना, एब्स!’’
अगले दिन, मेरे होने वाले ससुर जी ने के के लिए एक लड़का चुन लिया और पागलपन में के ने हाँ भी कह दिया!
मैं एक भावनात्मक रोगी बन गया, और मैंने दारू पीकर के के घर के बाहर तमाशा भी कर दिया।
चूंकि मेरे होने वाले ससुर जी की काफी जान-पहचान थी, उन्होंने पुलिस में शिकायत कर दी।
जल्द ही, मैं जेल में था।
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अफसोस की बात है कि पुलिस के सामने के ने भी अपने पिता की बात की पुष्टि कर दी और मुझे उसका पीछा करने वाला एक पागल आदमी कहा।
सामान्य परिस्थितियों में, मुझे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया होता।
हुआ यह कि हरि चाचा इंस्पेक्टर को जानते थे और किसी और ही काम के लिए पुलिस से मिलने आए थे। और फिर जब अंकल ने मुझे लॉकअप में देखा, उन्होंने इंस्पेक्टर को असली कहानी बता दी और मुझे एक चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
उस रात मैं मौज मस्ती करने चला गया। अगले दिन मैं फिर से अत्यधिक भावनात्मक हो गया था।
हरि अंकल आए, उन्होंने मुझे सांत्वना दी और कहा, ‘‘एब्स, मैं तुम्हारे लिए एक भावनात्मक कविता लिखूंगा। उस लड़की को ईमेल कर देना और उम्मीद है कि कुछ अच्छा हो जाए।”
मैंने चाचा के निर्देशों का पालन किया और यह कविता भेज दीः
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“अपने दिल की आवाज़ सुनो
आसपास के लोग जो भी कहें तुम डरो मत
अपनी कल्पना में मेरी आँखों में देखो
और पता करो कि क्या मैं सच बोल रहा हूँ।
तुम्हारी सिर्फ एक नज़र
मुझे पृथ्वी पर जीवित रहने की अनुमति देगी
मैं आग्रह करता हूँ कि तुम भी देखो
उसी तरह जब तुम्हारी आँखों ने हाँ कहा था
और होंठों ने ना कहा था!
प्यार हमेशा मासूम होता है
और हर विकर्षण से परे होता है
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फिर से मेरी असहाय आँखों की कल्पना करो
और तुम दर्द जान जाओगी।
कभी-कभी ऐसा होता है
एक पुरूष के जीवन में
उसकी खुद की परछाई उसे छोड़ जाती है
भर दुपहरी में
रेगिस्तान में एक ओएसिस होगा
और जल्द ही ठंडा मौसम मुझे गले लगाएगा
प्लीज़ याद रखो, मैं सच्चा हूँ
मेरे प्यार का असली स्वभाव खुद को प्रकट करेगा
और फिर तुम सच जान जाओगी
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मेरे प्रबल स्वभाव का
और तुम्हारी आँखें मेरी तन्हाई के लिए नम हो जाएंगी
और उन जख्मों और घावों को मिटा देगी जिसने हमें दूर किया था
और फिर तुम्हारा जवाब, जैसा तुम्हारे मन ने हमेशा कहा था
हाँ होगा!’’
चेन्नई के दूसरे हिस्से में, संभावित दूल्हा, उसकी बहन और बहनोई, के के फ्लेट में उसके पास बैठे थे, एक चैटरूम और वेबकेम के ज़रिए यूएस में अपने रिश्तेदारों से उसका परिचय करवा रहे थे।
क्या चल रहा था मैं उससे बेखबर था, और के को चैट पर लाइव देखकर, मैंने डायरेक्ट मैसेज द्वारा के को कविता भेज दी।
और अचानक, उसके सभी भावी ससुराल वालों के सामने, वह कविता हमारी तस्वीर (के ने मेरी आई डी के लिए एक तस्वीर सेव कर रखी थी) के साथ उसके कम्प्यूटर स्क्रीन पर खुल गई।
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जब शर्मिंदा दूल्हा और उसके रिश्तेदार ईधर उधर देख रहे थे, के बिखर गई और अनियंत्रित रूप से रोने लगी, जो मैंने बाद में सुना।
मुझे कहना होगा कि वह लड़का बहादुर था।
मुझे लगता है, उसने ऐसा कुछ कहा थाः
“के, तुम सुंदर हो और मैं वास्तव में दुखी हूँ कि अब मैं कभी तुम्हारा पति नहीं बन सकता। लेकिन एब्स कहीं ज़्यादा योग्य है और मैं देख सकता हूँ कि तुम अब भी उससे प्यार करती हो। गुस्से में कुछ भी गलत करने की बजाए, प्लीज़ शांती से सोचो। मैं तुम्हारे पापा से बात करूंगा और उम्मीद है कि सबकुछ ठीक हो जाएगा। और जब तुम एब्स से शादी करो, मुझे बुलाना मत भूलना।”
दो दिन बाद के और मैं वापस एक हो गए।
दूल्हे ने सबको मनाने के लिए बहुत मशक्कत की।
जब मैंने अंततः के से शादी की, तब दूल्हा मेरा बेस्ट मेन था।
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अपने वादे के मुताबिक, दूल्हे के साथ अजीब से रिश्ते के चलते हमने अपने बेटे का घर का नाम ‘रैक्स’ रखा है।
उर्दू में, अपने साथी के प्रेमी को रकीब कहते हैं। और मोटे तौर पर रैक्स का मतलब होता है वाइल्ड डांस करते समय एक व्यक्ति की ट्रांस जैसी स्थिति।
हमारे प्यारे से बेटे का नाम रैक्स ना सिर्फ हमारे मन की खुशहाल स्थिति को दर्शाता है, बल्कि यह रकीब का शॉर्ट फॉर्म भी है।
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शुक्रिया हरि चाचा, आपने हमेशा हमेशा के लिए हमारा दिन बना दिया!
और वैसे, बाद में उस दूल्हे से मधु ने शादी कर ली।
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