प्रश्न:
मेरी पत्नी बहुत ही गर्म मिज़ाज़ के व्यक्तित्व की स्वामी है. जब भी हमारे बीच किसी भी बात को लेकर मतभेद होता है, वो मुझ पर हाथ उठा देती है. मैं उसके हाथ चलाने या किक करने के जवाब में कभी पलट कर उसे कोई शारीरिक नुक्सान नहीं पहुंचता,मगर उसका ये व्यवहार बिलकुल असहनीय होता जा रहा है. गुस्से में वो बहुत ही कष्टदायक बातें कह देती है. जैसे कभी कहती है, “तुमने मुझ से शादी ही क्यों की?” या फिर, “तुम मुझे किसी तरह से भी संतुष्ट नहीं कर सकते.” शुरूशुरू में न उसकी बातें इतनी कड़वी लगती थी और न वो यूँ हाँथ उठाती थी मगर अब चीज़ें बदसेबदतर होती जा रही हैं. मैं तो सोच रहा था की समय और उम्र के साथ उसमे समझदारी आएगी और वो शायद इस तरह गुस्से में हिंसा नहीं करेगी मगर अब मझे उसके बर्ताव से डर लगने लगा है. यह भी बताना चाहूंगा की बाकी समय वो अधिकतर शांत ही रहती है मगर उस शांत माहौल में मुझे यह बात उठाने की हिम्मत ही नहीं होती. किसी और से इस समस्या को साझा भी नहीं कर सकता क्योंकि मैं जानता हूँ की सब मेरी ही खिल्ली उड़ाएंगे. इसके अलावा कोई यह मान भी नहीं पायेगा की गुस्से में मेरी पत्नी का रूप किस तरह बदल जाता होगा. कृपया मेरी मदद करें और मुझे सही सलाह दें.
डॉ मनु तिवारी कहते हैं:
एक ऐसा साथी जो आपका निरंतर शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न कर रहा हो, उसका साथ आपके लिए बहुत हानिकारक और कष्टप्रद हो सकता है.
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इस चक्र से निकलने का एक ही तरीका है की आप अपनी पत्नी से बात करे. हो सकता है कि