व्यभिचार एक चुनाव है गलती नहीं ।
जब बेवफ़ई, व्यभिचार, अनास्था, विश्वासघात, से आप का सामना होता है तो आप क्या करते है ? नज़र अंदाज कर देते हैं, माफ कर देते हैं या विरोध में खड़े हो जाते हैं।ये प्रश्न मस्तिष्क में आता है जब हॉट स्टार ओरिजिनल की सीरीज Out of Love को देखते हैं।
Out of Love कहानी है डॉक्टर मीरा कपूर और उसके पति अकर्श कपूर की। मीरा और अकर्श की शादी एक आदर्श शादी नज़र आती है, उनका एक बेेटा भी है।एक ऐसा परिवार जिसकी कामना कोई भी संपूर्ण परिवार के रूप में करता है। लेकिन जो दिखता है वो हो ये जरूरी तो नहीं, तो कहानी में मोड़ तब आता है जब मीरा को अकर्श पर शक होता है। मीरा को अकर्श की शाल पर एक सुनहरा बाल(blonde hair) मिलता है जो कि उसका नहीं हो सकता क्योंकि उसके बाल सुनहरे नहीं हैं ।
अब यहां बात आती है मानवीय प्रवृति की जो अधिकतर सब की भिन्न होती है। हर एक का परिस्थितियों से सामना करने का अपना ही तरीका होता है। अब यहां जब मीरा को शक होता है कि अकर्श कुछ ऐसा कर रहा है जो व्यभिचार की श्रेणी में आता है तो अब वो जो भी करती है वो उसका व्यक्तित्व दर्शाता है
- वह प्रत्यक्ष रूप से इस बारे में बात कर सकती है।
- वह इसको अपने मन का वहम मानकर नजरअंदाज कर सकती है।
- वह अपने शक का निवारण करने के लिए उसकी सत्यता की जांच अपने तरीके से कर सकती है।
वह यही करती है, वह पता लगाती है और जो उसका शक था वह हकीकत की शक्ल ले कर उसके सामने प्रत्यक्ष रूप में आकर खड़ा हो जाता है और यहां से शुरू होता है मीरा का संघर्ष। कुछ ऐसी परिस्थितियां जिनका सामना करने के लिए आप तैयार नहीं होते या कह सकते हैं कि आपने कभी कल्पना भी नहीं की होती कि ऐसा कुछ हो सकता है। अब कोई ऐसी स्थिति जिसकी कल्पना मात्र भी नहीं की गई है और वह प्रत्यक्ष रूप में आ जाएगी तो आप क्या करेंगे ? अब आप जो भी करेंगे वह आपके लिए और आप से जुड़े हुए लोगों के लिए विश्वसनीय या फिर पूर्ण रूप से अविश्वसनीय भी हो सकता है। मीरा ने जो कुछ भी किया वह कुछ लोगों के लिए पागलपन हो सकता है और कुछ अपने आप को मीरा से पूरी तरह जुड़ा हुआ भी महसूस कर सकते हैं।
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हमें लगता है कि हम जिस शख्स के साथ रह रहे हैं हम उसको पूर्ण रूप से जानते या समझते हैं लेकिन यह सत्य है नहीं। क्योंकि पूर्ण रूप से तो हम स्वयं को और अपने अंतर्मन तक को भी नहीं जानते। यदि जानते होते तो हमें अपनी हर प्रतिक्रिया का पता होता, जो कि हमें नहीं होता है। तो यह दावा करना काफी हद तक सही नहीं है। इसलिए कोई व्यक्ति आपके साथ विश्वासघात करेगा या नहीं यह पता लगाना सरल नहीं है।
अब बात करते हैं कि यदि व्यभिचार या अनास्था से आपका सामना होगा तो आप क्या करेंगे ?
- क्या आपने कभी इस परिस्थिति के बारे में सोचा है ?
- आपको क्या लगता है लोग ऐसा क्यों करते हैं ?
- अपने साथी के साथ विश्वासघात करना कहां तक सही है ?
- अगर गलती से ऐसा हो जाता है तो आप इसको सच में गलती मनेगें या फिर उस इंसान की सही प्रवृत्ति का सामने आना कहा जाएगा ?
- जो लोग अपनी शादी से नाखुश होते हैं, क्या वही सिर्फ व्यभिचार के बारे में सोचते हैं ?
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सोचिएगा इन सभी प्रश्नों के बारे में और उत्तर ढूंढने का प्रयास कीजिएगा । कुछ चीजों को हमारे समाज में निषेध बताया है। जिसके चलते जब हम उन चीजों के बारे में सोचते हैं या करते हैं तो हमारा अंतर्मन हमें बताता है कि यह गलत है। व्यभिचार भी उसी श्रेणी में आता है जिसे हमेशा निषेध माना गया है और गलत बताया गया है। उसके बावजूद कोई यह करता है तो वह गलती से तो कदापि नहीं हो सकता, वह यह करना सोच समझ कर चुनता है। तो इसको अनजाने में हुई गलती बोल कर नहीं टाला जा सकता, बाकी हर इंसान अलग है और उसकी सोच भी स्वतंत्र है। वैसे तो हमें हर रिश्ते को पूरी निष्ठा के साथ निभाना चाहिए, वो ही हर रिश्ते की नींव होती है ।
निष्ठा एक जिम्मेदारी है विकल्प नहीं ।