उसकी सेक्सी, सफल बॉस
उसकी सेक्सी, सफल बॉस रीटा को पता था कि पुरूष उससे प्यार कर बैठते हैं। वह लंबी, सेक्सी और बहुत ज़्यादा अच्छी तरह से बोलने वाली स्त्री थी, वह लाइफस्टाइल पत्रिका की युवा संपादक बनकर उभरी थी।
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उसके कुछ बड़ी उम्र के जुनियर सहकर्मी सोचते थे कि वह 28 वर्ष की उम्र में इतनी सफल कैसे हो गई। कुछ लोगों ने कहा कि मीडिया हाउस के मालिक के साथ उसका ‘लंबा अफेयर’ था।
सौभाग्य से रीटा के लिए, ज़्यादातर लोग जानते थे कि उसे नौकरी इसलिए मिली है क्योंकि वह इसके योग्य है – ना कि हैप्पिली मैरिड मालिक के साथ किसी गैर- मौजूदा संबंधों के कारण जिससे वह केवल एक बार मिली थी।
जब रीटा ने सहायक संपादक की स्थिति के लिए एक प्रतिभाशाली समान उम्र के व्यक्ति रवि को नियुक्त किया, तो उनमें से कोई भी अनुमान नहीं लगा सकता था कि उनके जीवन में आगे क्या होने वाला है।
“हम आपको प्रति माह 40,000 बेतन दे सकते हैं। यह आपके पिछले वेतन से 20 प्रतिशत ज़्यादा है। हम आपको बस यही ऑफर कर सकते हैं, 30 प्रतिशत की वृद्धि नहीं, जो आप चाहते हैं,’’ रीटा ने उसकी आँखों में देखते हुए तथ्य कह दिया था।
रवि आश्चर्यचकित रह गया थाः उसकी सुंदरता की वजह से भी और ये शब्द कहते समय उसके आत्मविश्वास को देखकर भी। वह अपने जीवन में दूसरे कई बॉस से भी मिला था, लेकिन उसके सामने बैठी लड़की कुछ और ही थी।
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“मेरे लिए यह ठीक है,’’ उसने रीटा पर से नज़रे उठाए बिना कहा।
रीटा अपनी सीट से उठी, और वह भी उठ गया। जब उन्होंने हाथ मिलाया तो उसे महसूस हुआ जैसे उसकी हथेली कंपकंपा रही है। रीटा उसे देखकर मुस्कुराई और बोली, ‘‘हमारे परिवार में तुम्हारा स्वागत है।”
कुछ समान रूचियां
रवि एक पखवाड़े बाद अपने नए ऑफिस में शामिल हो गया। उसकी बॉस ने उसे उसके भावी सहकर्मियों से मिलवाया, जो दोस्ताना और सहज लग रहे थे। उसने उस समय जवाइन किया था जब पत्रिका के पृष्ठों को प्रिंटिंग के लिए प्रेस में भेजा जाना था। उसे यह समझने में लंबा समय नहीं लगा कि लोग काम के दबाव में थे क्योंकि सभी महत्त्वपूर्ण काम डेडलाइन के भीतर समाप्त होने चाहिए थे।
रीटा और रवि ज़्यादातर तभी बातचीत किया करते थे जब वह उसे अपने कैबिन में बुलाती थी। बातें करते-करते उन दोनों को पता चला कि उनके दो पैशन्स समान थे – एक किताबें पढ़ना, दूसरा फिल्म देखना। धीरे-धीरे वे दोनों अपने खाली समय में किताबों और फिल्मों के बारे में बातें करने लगे।
“अगर तुम इतनी ही ज़्यादा किताबें पढ़ते हो, तो तुम पत्रकारिता में क्यों हो? कुछ ही पत्रकारों को किताबें पढ़ना पसंद होता है” रीटा ने एक ही दिन में कह दिया।
“लेकिन तुम भी तो पत्रकार हो, है ना,’’ रवि ने थोड़ी असहजता से पूछा।
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“अरे, मुझे एक बात बताओ,’’ रीटा अचानक गंभीर हो गई। ‘‘जब तुम अपने सहकर्मियों से बात करते हो तो तुम बहुत दोस्ताना लगते हो। लेकिन जब तुम और मैं बात करते हैं तो तुम कॉन्शियस क्यों हो जाते हो?’’
“तुम बॉस हो ना इसलिए”
“तो क्या हुआ? मैं बस बाकियों की ही तरह हूँ। अब से हम दोस्तों की तरह बात करेंगे। ठीक है ना?’’
रीटा ने उसकी ओर देखा और हंस दी।
वह बुदबुदाया, ‘‘ठीक है, ऐसा ही होगा।”
“प्लीज़ थोड़ा ज़ोर से बोलो।”
दोनों हंसने लगे।
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जब रवि कैबिन से बाहर निकला, तो वह भूल चुका था कि सेकंड-इन कमांडर ने उसे अपना लेख सबमिट करने के लिए समय सीमा दी थी। एक त्वरित रीमाइंडर और वह फिर से काम में डूब गया।
चलो एक फिल्म देखते हैं
एक हफ्ते बाद, रीटा ने रवि को अपने कैबिन में बुलाया और उससे पूछा कि उसने हाल ही में रीलिज़्ड हॉलिवुड फिल्म दि क्यूरियस केस ऑफ बैंजामिन बटन देखी है या नहीं।
रीटा ने पूछा, ‘‘मैंने वह फिल्म कल ही देखी। तुमने देखी है?’’
“अभी तक तो नहीं, लेकिन मैं देखूंगा,’’ उसने उत्तर दिया लेकिन यह नहीं बताया कि वह शनिवार को इसे देखने का प्लान कर रहा था।
“प्लीज़ इसे ज़रूर देखना। मुझे यह बहुत पसंद आई। तुम्हें भी पसंद आएगी,’’ रीटा ने कहा।
“ओह हां, मैं कोई फिल्म नहीं छोड़ता,’’ रवि ने कहा और तुरंत अपनी बात सुधार ली, ‘‘मैं कोई अच्छी फिल्म नहीं छोड़ता”।
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“वैसे, मैंने कुछ सुना है, क्या मैं तुमसे स्पष्ट रूप से पूछ लूँ?’’
“हां ज़रूर पूछो।” रवि नहीं जानता था कि वह क्या पूछने वाली है।
“मुझे लगता है कि हम दोनों के बारे में कुछ गॉसिप चल रही है। क्या तुमने ऐसा कुछ सुना है?’’
“मुझे लगता है कि हम दोनों के बारे में कुछ गॉसिप चल रही है। क्या तुमने ऐसा कुछ सुना है?’’
कुछ सहकर्मी रवि को चिढ़ाने लगे थे कि रीटा रवि की ओर आकर्षित हो रही है। लेकिन उसने सोचा कि इस बारे में नहीं बताएगा, और कहा, ‘‘मैंने तो ऐसी कोई बात नहीं सुनी। तुमने सुनी है क्या?’’
“मुझे पता है कि तुमने सुनी है क्योंकि कुछ लोग कभी-कभी तुम्हारी टांग खींचते हैं,” रीटा ने कहा और आंख मारी।
“वे मज़ाक में कह रहे थे,’’ वह संकोचपूर्वक हंसा। उसका झूठ पकड़ा गया था।
“तुम फिल्म किसके साथ देखोगे? क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड है?’’ रीटा ने पूछा।
“नहीं, मैं अकेले जाउंगा। मैं सिंगल हूँ,’’ रवि ने उसे बताया।
“अगर हम यह साथ में देखें तो तुम्हें कोई ऐतराज़ तो नहीं? मैं यह दुबारा देखना चाहती हूँ। तुम टिकट खरीद लो। डिनर मेरी तरफ से होगा,’’ रीटा ने कहा।
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बॉस को डेट करना
शनिवार को रीटा ने थिएटर में उसके कान में कहा, ‘‘यह अजीब है। मैं तुम्हरी बॉस हूँ। हम एक तरह की डेट पर आए हैं, है ना?’’
“लगता तो ऐसा ही है।” इसके बाद कुछ और शब्दों के लिए रवि की खोज व्यर्थ साबित हुई।
“मुझे तुम पसंद हो रवि। अब बस रिलेक्स करो।” बोलते हुए रीटा ने उसका हाथ थाम लिया।
“मुझे भी तुम पसंद हो। तुम बॉस हो। लेकिन मुझे तुम पसंद हो,’’ रवि ने कहा।
थिएटर अंधेरा था। स्क्रीन पर अपने सामने कहानी को खुलता हुआ देखते हुए -रवि यह सोचकर मुस्कुराया कि रीटा की खूबसूरत उपस्थिति ने उसके जीवन को रोशन कर दिया था।