यह दोपहर का वह समय था जब आपको अपने ऑफिस की डेस्क दुनिया की सबसे नफरतपूर्ण जगह महसूस होती है! आप आधी नींद में होते हैं, उबासियां ले रहे होते हैं और चाय वाले भईया के आने का इंतज़ार करते रहते हैं। मैं अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रही थी, और तभी उसने फोन किया। मैंने फोन उठाया और काम में व्यस्त होने का नाटक किया!
वहः ‘‘हाय, मैं सोच रहा था कि हम नवंबर में शादी कर लें, क्या कहती हो?’’
मैं: ‘‘क्या!?’’
(मैं स्तंभित रह गई थी! ऐसे कौन प्रपोज़ करता है? मैं खुश भी थी और गुस्सा भी)। सबसे मधुर मुस्कान के साथ, मैंने खुद को ऑफिस से एक्सक्यूज़ किया और बालकनी के कोने में खड़ी हो गई।
मैं: ‘‘तुम पागल हो क्या, इस तरह से कोई प्रपोज़ करता है? कितना अनरोमैंटिक, कोई मीठी-मीठी बातें नहीं…?
ये भी पढ़े: वह वांछित महसूस करती है
वहः ‘‘एक मिनट रूको मेरी झांसी की रानी। देखो, जब आप किसी को प्रपोज़ करते हो तो उनके पास दो विकल्प होते हैं, हाँ या ना कहना। लेकिन मैं तुम्हें ना कहने का विकल्प ही नहीं देना चाहता। इतनी सरल सी बात है!’’
मुझे अपने अस्तित्व में उत्तेजना का उत्साह महसूस हुआ। मैं वास्तव में नहीं जानती थी कि क्या कहूँ। मैं बस वहां खड़ी थी, मुस्कुरा रही थी और भावना के स्थिर होने का इंतज़ार कर रही थी। गुज्जू होने के नाते, मैंने हमेशा सुना था कि सरदारों के पास स्वयं का तर्क और ज्ञान होता है, लेकिन मैंने उसे उस दोपहर ही देखा। जल्द ही नवंबर आ गया और हमने एक दूसरे से शादी कर ली।
हमने रोमांस को जीवित रखा
मेरा पति नियमित रूप से हर दिन मुझे अपने ऑफिस से दो या तीन बार फोन करता था। हम फालतू बातों पर चर्चा करते थे, साप्ताहांत के लिए पहले से योजना बनाते थे, या फिर किसी भी रैंडम विषय के बारे में चर्चा करते थे। कभी-कभी, वह बस मेरी आवाज़ सुनने के लिए मुझे फोन करता था! हमारा संबंध लगभग एक दशक पुराना है, लेकिन अब भी हम एक दूसरे के प्यार में पागल हैं। हम हमेशा एक दूसरे को चिढ़ाते रहते हैं और ऐसी पागलों जैसी हरकतें करते हैं जिन्हें देखकर बच्चे भी शर्मा जाएंगे!
ये भी पढ़े: कैसे उसकी परफेक्ट शादी उसके “मोटापे” के तानों के नीचे दबने लगी
मेरा पति सेना में है और हमें उस जगह पोस्टिंग दी गई थी जहां कैंटोनमैंट एक हाइवे से जुड़ा हुआ था। मेरा पति कुछ काम से कैंटोनमैंट से बाहर गया था। एक दिन मुझे सुबह 11 बजे उसका फोन आया। सर्दियों का मौसम था और मैं छत पर टहल रही थी। हमारी छत पर झाड़ियों के बीच में थोड़ी सी जगह से हाइवे से गुज़रते वाहन देखे जा सकते थे। मेरे पति ने मुझसे कहा कि वह अपने ऑफिस से गाड़ी चलाता हुए वापस लौट रहा था और उसने सोचा कि मेरे साथ बात करके इस समय का ‘सदुपयोग’ किया जाए। थोड़ा सा भी समय मिलने पर वह हमेशा मुझे फोन किया करता था।
बस यहां से गुज़रो और मुझे वेव करो
तो, जब हम बात कर रहे थे तब मुझे अहसास हुआ कि वह अभी हमारे घर से आगे नहीं निकला है। चूंकि मैं पागल हूँ, मैंने उसे कहा कि जब वह उस स्थान तक पहुंच जाए जहां से हमारा घर दिखाई देता है तो अपनी कार रोक दे। मैं बस उसे देखना चाहती थी। वह पहले इस बात पर हंसा और उसने कहा कि वह ऑफिस के लिए लेट हो जाएगा। लेकिन मैं हार मानने के मूड में नहीं थी। मैंने उसे कहा कि उसे हर हाल में रूकना ही होगा या फिर मैं लंच में लौकी बनाउंगी।
ये भी पढ़े: हमने दस साल, तीन शहर और एक टूटे रिश्ते के बाद एक दुसरे को पाया
वह उस स्पॉट से लगभग 100 मीटर दूर था। मैंने उसे कहा कि गाड़ी की रफ्तार कम करे और छत पर मुझे हाथ हिलाता हुआ देखे। उसे यह विचार पसंद नहीं आया क्योंकि कैंटोनमैंट में सोल्जर्स घूम रहे थे और यह अच्छा नहीं लगेगा। मैंने उसे विश्वास दिलाया कि मैं सिर्फ तभी हाथ हिलाउंगी जब कोई आसपास नहीं होगा। वह अब भी आश्वस्त नहीं था लेकिन बेचारे के पास मेरे निर्देशों का पालन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था।
वह अब भी फोन पर था और वह उस स्पॉट के करीब आता जा रहा था। मैं उसकी कार देख सकती थी; मैं उसे कार के भीतर से वेव करते हुए देख कर बेहद खुश हो रही थी! हमने पागलों की तरह एक दूसरे को वेव किया और अपनी मूर्खता पर हंसने लगे। ‘‘तुम सच में पागल हो” उसने कहा। ‘‘हाँ, मैं हूँ और ज़िंदगी भर पागल रहूंगी। मैं तुम्हें देखने और प्यार करने का एक भी मौका गंवाना नहीं चाहती,’’ मैंने उत्तर दिया।
यादें बनाना महत्त्वपूर्ण है
वह दो घंटे बाद लंच के लिए घर पर आने ही वाला था, लेकिन यह छोटी सी खुशी मुझे शेष दिन के लिए संतुष्ट रखने के लिए पर्याप्त थी। हमेशा से मेरा मानना है कि आपको अपने प्रियजनों के साथ उस पल का मज़ा लेने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहिए। पलक झपकते ही जीवन खत्म हो जाएगा, लेकिन साथ में बनाई गई यादें हमेशा आपके साथ रहेगी। आज, वह देश के सबसे समस्याग्रस्त हिस्से में तैनात है। हम दो साल से एक दूसरे से दूर रहने के लिए बाध्य हैं। लेकिन हम दोनों समय-समय पर चुराए गए उन छोटे से प्यारे क्षणों की यादों के साथ इस अलगाव को झेल रहे हैं।