कैसे टिंडर के एक झूठ ने तोडा एक छोटे शहर के युवक का दिल
(जैसा शहनाज़खान को बताया गया) अपने पिता की मौत के बाद मैं अपने लिए बेहतर ज़िन्दगी बनाने और उस माहौल से निकलने के लिए दिल्ली आ गया.मेरी नौकरी मुझे हफ्ते के छह दिन तो काम में ही उलझाए रखतीथी, और बचा एक दिन मैं अपने एक रूम के कमरे में सोता बिता देता था. इसी …
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